शूलिका- ७३
सत्यता से बड़तीहै कटुता
असत्यता से बड़ती है मधुरता
भेद असत्य जब है खुलता
तो आखिर में छा जाती कटुता
शूलिका -७४
सत्य का
माप है दंड
[मापदंड = माप +दंड ]
संजय जोशी "सजग "
सत्यता से बड़तीहै कटुता
असत्यता से बड़ती है मधुरता
भेद असत्य जब है खुलता
तो आखिर में छा जाती कटुता
शूलिका -७४
सत्य का
माप है दंड
[मापदंड = माप +दंड ]
संजय जोशी "सजग "
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