शुक्रवार, 3 मई 2013


 शूलिका -९१


लाफ्टर शो से आई विकृति
बदल गई कवि सम्मेलन संस्कृति
कवि हो गये चुटकुले बाज
दिअर्थी संवादों से आये न लाज
दूसरों की कविता पढ़े करे अपना नाम
ऐसे कवियों का न हो सम्मान
आयोजक ,संयोजक करो एसा काम
कवि सम्मेलन में आये न ऐसे नाम
हल्ला -गुल्ला का यही है पैगाम
लगे ऐसे कवियों पर लगाम

संजय जोशी "सजग "

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