शुक्रवार, 3 मई 2013

शूलिका-८६

नजरिया
हो कितना भी
अच्छा फिर भी
न -जरिया
होतो सफलता
हो जाती विफलता

संजय जोशी " सजग "

*हमारे देश की यही त्रासदी है

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