शुक्रवार, 3 मई 2013

शूलिका--६४

शूलिका--६४

जिसकी लाठी
उसकी भेंस
सबको लगती
भारी ठेस
हर दम सहता
पूरा देश

संजय जोशी "सजग "

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें