मुक्तक
वृक्षों की कटाई से हो रही निरंतर कमी
शुद्ध हवा की भी हो रही निरंतर कमी
बढ़ते हुए प्रदूषण से जीना हुआ दूभर
इससे जल की भी हो रही निरंतर कमी
संजय जोशी "सजग "
वृक्षों की कटाई से हो रही निरंतर कमी
शुद्ध हवा की भी हो रही निरंतर कमी
बढ़ते हुए प्रदूषण से जीना हुआ दूभर
इससे जल की भी हो रही निरंतर कमी
संजय जोशी "सजग "
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