दायित्व,कर्त्तव्य और अधिकार के प्रति रहो हमेशा सजग....
[इसको व्यक्त करने का माध्यम मेरे लिए ---शूलिका(किसी बात को कम शब्दों मे कहना और उससे मन मे चुभन का अहसास हो) एवं व्यंग्य]
बुधवार, 8 मई 2013
शूलिका -११६
शूलिका -११६
दूसरो से रखते है आशा अपनी तरफ से निराशा यदि ओरो से रखो अपेक्षा तो मत करो स्वयं भी उपेक्षा
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