बुधवार, 8 मई 2013

शूलिका -११०-

शूलिका -११०-

एक विद्वान्
नही स्वीकारता
सरलता से
दुसरे को
परन्तु दुर्जन
दुसरे दर्जन को
आसनी से
अपना लेता
यही हमारी है विडबना

संजय जोशी "सजग "

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