हायकू ----
२६ जनवरी -
हुई शान से
रस्म की आदायगी
हर साल सी
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-----संस्कृति का
आधार होते युवा
नभ है छुआ
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किताब तो है
फेसबुक खा गई
समय पूरा
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प्रेम का माप
जितना बड़ा बिल
उसका दिल
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बयान बिना
सोचे देना आदत
में सुमार है
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बालिग हो या
नाबालिग गलत
काम हो सजा
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किसान दुखी
फसले हुई नष्ट
ओले बारिश
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पुनरावृति
भ्रष्टो की है प्रवृति
केसे निवृति
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घड़ी का धर्म
देती संदेश हमे
सतत कर्म
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भीगा बसंत
ठंडी चली बयार
पतझड़ भी
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नीला आकाश
हरी भरी हो धरा
मिले सुकून
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शिक्षा परीक्षा
ज्ञान का परिणाम
कर्म का फल
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आती विपत्ती
धीरज खोते सब
विरोधी खुश
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केसा मंजर
बेकाबू हड़ताल
सम्पति खाक
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आत्म विश्वास
मजबूत इरादे
छुते गगन
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सपने सच
सकारात्मक लक्ष्य
आसान राह
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दहला देश
भारत माता दुखी
है कायरता
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आता बजट
घोटता अरमान
दिखाता घाटा
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शुभकामना
देती शक्ति व जोश
मान हितेषी
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आशा धूमिल
दे सर पर चार्ज
कहे तोहफा
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बजट आम
खट्टा व कसेला
न रस ,स्वाद
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होली रंगोली
जीवन को दे रंग
प्रिय के संग
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चुटकी रंग
जीवन में तरंग
छाए उमंग
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होली के संग
रिश्तो में घुले रंग
फेले मिठास
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पल कीमती
समय का पालन
उत्तम सुख
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गठबंधन
स्वार्थ का है पुतला
लोक घातक
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मुस्कराहट
आशा, आत्म विश्वास
शक्ति जाग्रत
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सदेव आशा
कोशिश कामयाब
विजय पक्की
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मन चंचल
सोच गति अपार
नभ से धरा
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होती रंगीली
सब भुलाये होली
मित्रो की टोली
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रंगीली होली
खूब रंग सजाती
मित्रों की टोली
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बच्चो की टोली
इन्द्रधनुषी होली
हंसी ठिठोली
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मिटाओ बेर
दिल से खेलो होली
रंगों जीवन
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रंग का मजा
हर चेहरा सजा
मस्ती ,उमंग
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थके से हम
रंगों से सरोबार
है उत्साहित
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व्यंग्य की विधा
प्रखर अभिव्यक्ति
सार्थक अर्थ
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प्रेम की पीर
परिपक्व गम्भीर
न हो अधीर
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जल अमृत
बूंद -बूंद सहेज
दिखा न दम्भ
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मांगे सम्मान
दिखाए अभिमान
है स्वाभिमान
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सच्ची लगन
काम में हो मगन
छूए गगन
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रिश्ते बे दम
स्वार्थ हो हरदम
हो बे कदम
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सदा दे उर्जा
हर लेती थकान
माँ की मुस्कान
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रंग पंचमी
धूम मस्ती के संग
अलग ढ़ंग
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इन्द्रधनुष
जीवन सप्त रंग
उमंग संग
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माने अपना
दिखाये सही रास्ता
रखना वास्ता
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शब्दों के बाण
घाव करे गम्भीर
दिल को चिर
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पालो वचन
राम जी को नमन
पाओ अमन
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प्रकृति कोप
प्रदुषण प्रकोप
मन में खोप
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हेवानियत
लुटती है इज्जत
व्यथा देश की
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ज्ञान बड़ना
संस्कार का घटना
ढेरो तनाव
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भक्ति अपार
ज्ञान गुण सागर
जे हनुमान
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जब हसंते
कई रोग भगाते .
आनन्द पाते
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