शुक्रवार, 3 मई 2013

शूलिका -६२

 शूलिका -६२


बेईमान
को मिलती
नही है सजा
जीवन का
लेता है मजा
सात पीढ़ी को
देता है धन से सजा

*** सजा के दो अलग -अलग अर्थ है 1.सजा ...दंड २. सवारना, सजाना

संजय जोशी " सजग "

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