शूलिका -११२
झूट जिसकी रग -रग में
बयान बदले पल-पल में
वादों को तोडना आदत मे
विश्वासघात करना फिदरत मे
रोज रिज मरता विष के डंक
मानवता के लिए है कलंक
संजय जोशी "सजग "
झूट जिसकी रग -रग में
बयान बदले पल-पल में
वादों को तोडना आदत मे
विश्वासघात करना फिदरत मे
रोज रिज मरता विष के डंक
मानवता के लिए है कलंक
संजय जोशी "सजग "
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