गुरुवार, 9 मई 2013

...............माँ...........
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अनूठी होती है माँ की ममता
देती है भाषा और सभ्यता
रखती सदा समभाव
दिखाती नहीं कभी अभाव
कभी न लाओ दुर्भावना
हमेशा करो उपासना
शुद्ध जल सा होता ह्रदय
आंचल मे लगता अभय
माँ है तो है अभिमान
उनका रखो हमेशा मान
जीवन को देती आकार
सपने करती साकार
परिवार की होती धुरी
सबकी इच्छा करती पूरी
ध्यान रखती पग-पग
कहती संजय रहो "सजग"
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मदर्स डे की हार्दिक शुभकामनाये......

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