शुक्रवार, 3 मई 2013

शूलिका -९४

शूलिका -९४

जन-जन का धेर्य टुटा
सब का आक्रोश फूटा
यूवा क्रान्ति का बिगुल बजा
दोषियों मिले से कड़ी सजा .
लोकतंत्र का वादा झूठा
बेचारी छात्राओ को पिटा
बोखलाहट का है नतीजा
आवाज उठाने यही है सजा ?

संजय जोशी "सजग "

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