बुधवार, 8 मई 2013

शूलिका -१०२

 शूलिका -१०

आता है जब नया वर्ष
छाता उत्साह और हर्ष
संकल्प तो बड़े लेते हम
कुछ भी नही निभाते हम
इच्छा शक्ति का है आभाव
विकृत संस्कृति का है प्रभाव
संकल्प का रखो हमेशा मान
तभी दिखेगी जीवन में शान

संजय जोशी "सजग "

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