फेसबुक बन गई थीफबुक [व्यंग्य ]
बचपन में जब नैतिक शिक्षा पढ़ाई जाती थी हमारे टीचर कहते थे कि ”चोरी करना पाप है”। बहुत समय तक एक ही गलतफहमी रही कि केवल चोरी करना ही पाप है। जैसे जैसे बड़े हुए तो ज्ञात हुआ कि हमारे देश में पाप अब आम है और इसके बिना कोई काम ही नहीं हैl कदम कदम पर चोरी है टेक्स चुराने के बड़े -बड़े महारथी और सलाहकार है चोरी की कविता मंच पर पढ़ने वालों का बड़ा हुजूम है, चोरी भी कई तरह की होती है और चोरी करने वाले भी कई तरह के लोग होते है फिर भी कुछ चोरी करने वाले भले मानुस कहे जाते है और समाज में मान सम्मान मिलता है lये चोरियां चोरी की गिनती में नहीं आती है l हर कोई कहता हैं कि”अपना काम करता हूँ कोई चोरी करता हूँ ?आजकल चोरियाँ भी शिद्धत से की जाती है l पर चोरी तो चोरी होती है l
चित चोर का का अपना मजा है प्यार करने वाले कहते है कि प्यार किया चोरी नहीं की है चोरी चोरी दिल तेरा चुराएंगे l उसी प्रकार फेसबुक की वॉल से चोरी करने वाले कहते है चोरी नहीं की है कॉपी पेस्ट किया है पर अब तो हद ही हो गई की फेसबुक से पर्सनल डेटा चोरी हो गया फेसबुक पर नित नयी चोरी हो रही है या यूँ कहे कि फेसबुक अब थीफ बुक बन गई है बेचारे ज़ुकरबर्क को जोर का झटका धीरे से दे ही दिया है कुछ ने अपनी प्रतिक्रिया में यह भी कह दिया कि फेसबुक को डिलीट करने का समय आ गया है lडेटा चोरी हुआ सो हुआ उससे राजनीति तो गरमा ही रही है, पक्ष और विपक्ष के आरोप जारी है l डिजिटल युग में में डेटा चोरी ,हैकर का हैक करना लीलाएं है l कलुयग में डिजिटल युग का मिलन है कुछ ऐसा होना कोई चमत्कार नहीं है डेटा चोरी से चुनाव पर प्रभाव की चिंता तो सबको है पर इनके प्रभाव से संस्कार और संस्कृति पर कुप्रभाव की चिंता किसे है ?
नेटवर्क कम्पनियों द्वारा एक से दो GB डेटा रोज देकर देश के कई लोगो को रचनात्मक काम में लगा रखा हैl माँ, बाप कमाई से बच्चे बड़े बड़े मोबाईल लेकर मस्त है उन्हें न शिक्षा और न ही रोजगार की चिंता है लगे है सोशल मीडिया पर ,लगे रो मुन्ना भाई की तरह l सरकार और माँ ,बाप भी शांति में है जब सोशल मिडिया अन लिमिटेड से लिमिटेड हो जायेगा तो बेरोजगारों की भीड़ की संभालना मुश्किल हो जायेगा l फेसबुक बन गई थीफबुक पर फिर भी बडे काम की यह चेहरों कि बुक l कमाल तो किया इसने, कई बिछड़ो को मिलाया है कई को तो लिखना तो कुछ को लिखे की चोरी करना सिखाया है जब तह चलती है फेसबुक के गुण गाते जाओ और थीफ बुक बनाये रखो l
संजय जोशी 'सजग "
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