दायित्व,कर्त्तव्य और अधिकार के प्रति रहो हमेशा सजग....
[इसको व्यक्त करने का माध्यम मेरे लिए ---शूलिका(किसी बात को कम शब्दों मे कहना और उससे मन मे चुभन का अहसास हो) एवं व्यंग्य]
सोमवार, 29 अप्रैल 2013
शूलिका-३४
शूलिका-३४
सुख की चाह में इन्सान जाता है सूख क्योकि कभी नही होती खतम लालसा की भूख
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