शूलिका---४६
हिंदुस्तान की चीत्कार
आजादी की है पुकार
सपने नही हुए साकार
आदर्शो को दिया नकार
शहीदो के बलिदान किये बेकार
आज की राजनीती में है कई विकार
बेईमानी से किया सरोकार
नेता हो गये है झूठे मक्कार
असत्य की हो रही जय-जय कार
जनता सह रही है हा-हा कार
संजय जोशी "सजग "
हिंदुस्तान की चीत्कार
आजादी की है पुकार
सपने नही हुए साकार
आदर्शो को दिया नकार
शहीदो के बलिदान किये बेकार
आज की राजनीती में है कई विकार
बेईमानी से किया सरोकार
नेता हो गये है झूठे मक्कार
असत्य की हो रही जय-जय कार
जनता सह रही है हा-हा कार
संजय जोशी "सजग "
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