बुधवार, 17 अप्रैल 2013

हर फेस बुक मित्रो की व्यथा ------जब तक आपस में न मिले .......!!!!!

जब तक हर मित्र पर शक करू
तब तक मिलु न मित्रो से रु बरु
फेसबुक जरुर मिटाती शहरो की दुरी
पर अनजान मित्रता लगती रहती अधूरी
जब मिल जाते आपस में मित्र अनजान
मिल जाती फेसबुक मित्रता को नई जान

====== संजय जोशी "सजग "

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें