शूलिका-४७
सोने की चिड़िया था भारत
कितना समृद्ध था
देश हमारा
ध्वस्त होगया अर्थतंत्र
जब से हुआ भ्रष्टतंत्र
यह केसा लोकतंत्र
पक्ष -विपक्ष है स्वतंत्र
जनता है परतंत्र
आगाज हो आये जनतंत्र
संजय जोशी "सजग "
सोने की चिड़िया था भारत
कितना समृद्ध था
देश हमारा
ध्वस्त होगया अर्थतंत्र
जब से हुआ भ्रष्टतंत्र
यह केसा लोकतंत्र
पक्ष -विपक्ष है स्वतंत्र
जनता है परतंत्र
आगाज हो आये जनतंत्र
संजय जोशी "सजग "
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें