शूलिका---५३
भ्रष्ट रिश्वत दलाली खाते I
स्वीस बैंक में उनके खाते II
अनुचित धन वहां छुपाते I
देश के प्रति झूटी निष्ठा दिखाते II
विकास के लिये धन का रोना रोते I
विदेशो से क़र्ज़ के लिये रास्ता खोलते II
देश में आर्थिक मंदी कि दुहाई देते I
जनता का सपने यूही तोड़ देते II
यह हमारे देश का दुर्भाग्य है I
पहले अंग्रेजो ने लूटा है II
अब सफ़ेद पोश लूट रहे है I
सेवा कि शपत का अपमान कर रहे है II
संजय जोशी " सजग "
भ्रष्ट रिश्वत दलाली खाते I
स्वीस बैंक में उनके खाते II
अनुचित धन वहां छुपाते I
देश के प्रति झूटी निष्ठा दिखाते II
विकास के लिये धन का रोना रोते I
विदेशो से क़र्ज़ के लिये रास्ता खोलते II
देश में आर्थिक मंदी कि दुहाई देते I
जनता का सपने यूही तोड़ देते II
यह हमारे देश का दुर्भाग्य है I
पहले अंग्रेजो ने लूटा है II
अब सफ़ेद पोश लूट रहे है I
सेवा कि शपत का अपमान कर रहे है II
संजय जोशी " सजग "
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