शनिवार, 3 जून 2017

मालवी हायकू

मालवी हायकू 
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१ 
झूठो सामान 
हांच री दुकान में 
बिकतो गयो 
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2
 
वादरो  रोयो 
म्हारी आँखा में आलो 
पाणी आयो 
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गोधूलि सांज 
चंदन जैसो धुरो 
माटी री गन्ध 
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तालाब सुख्या 
चिड़ी हाफडे ,पिये 
कटोरी पाणी 
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हाँच कड़वो 
रूपारो लागे झूठ 
बाजी  में जीत 
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 तपी धरती 
लाल अंगार बणी 
झाड़का छाँव 
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भूल्या तेवार 
आपसी व्यवहार 
करे व्यापार 
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८ 
तीखो  तड़को  
घणा याद आवेरे 
हरा झाड़का 
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 म्हारी मालवी 
अस्तर लागे  मीठी
 गोल री ढेली 
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10 
सबसे न्यारो 
जगत  में रुपारो 
म्हारो मालवो 
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संजय जोशी "सजग "

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