रविवार, 15 सितंबर 2013

सम्बोधन


सम्बोधन [मुक्तक]
स्वार्थ की नियत से बदल जाते सम्बोधन
रोज -रोज गिरते राजनीति में सम्बोधन
समझना कठिन रोज बदलती मानसिकता
संस्कृति के लिए घातक घटिया सम्बोधन
--------संजय जोशी "सजग "---------------

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