** कुर्सी की महिमा **
अजब और गजब तेरी महिमा कुर्सी
नेताओ को प्रेमिका सी लगती कुर्सी
जब मिल जाती, स्वार्थी बनाती कुर्सी
आपस में बेर कराती है यह कुर्सी
जन सेवा का बहाना है यह कुर्सी
सात पीड़ी व्यवस्था कराती कुर्सी
अच्छो अच्छो को बहका देती कुर्सी
करते मातम पुरसीन न मिलती कुर्सी
== संजय जोशी "सजग "
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