हमारे
देश में रोंगटे खड़े होने का समय चल
रहा है शीत लहर में जहाँ मुंह खोलना
मुश्किल होता है फिर भी हर किसी के मुहं से निकल जाता उफ़ .कितनी कड़ाके
की ठण्ड है की रोंगटे खड़े हो रहे है।
दो बच्चियां स्कूल में प्रवेश करते हुए आपस में चर्चा कर रही थी की ठण्ड का मौसम
कितना बेकार होता है की स्कूल जाने का मन ही नही होता कितनी ठण्ड लगती है ...
की रोंगटे खड़े कर देती है ...पापा मम्मी और टीचर को समझ में ही नही आती कितनी
तकलीफ होती है तभी .मेरे जेहन में ..कई विचारो ..का जन्म हुआ बेचारे बच्चों के तो
रोंगटे केवल ठण्ड से ही खड़े होते .है .लेकिन .पापा मम्मी और टीचर के तो ठण्ड के अलावा
और भी कारणों से रोंगटे खड़े हो जाते है ...बेचारे बच्चे क्या जाने वे .कितने मासूम और
कोमल होते है
अभी हाल में दिल्ली रेप कांड की वीभत्स घटना को सुनकर ..सबके रोंगटे खड़े
हो गये और पूरे देश को दहला दिया . हर महिला -पुरुष छात्र छात्राओ के रोम -रोम को झकझोर
दिया फिर भी सरकार के कान पर जूं तक नही रेंगी यह देश की भोली जनता का द्दुर्भाग्य है
और हमारे वोट का सरेआम अपमान है
.
गुजरात चुनाव में मोदी की जीत से जहाँ तमाम विरोधी ,खुद की पार्टी के हो या दूसरे
छोटे मोटे दल के नेता हो उनके रोंगटे खड़े होगये ..अब हमारा क्या होगा उनके मन में
यह द्वन्द निरंतर प्रवाहित होता रहेगा जब तक ...चुनाव न हो जाये।देश की राजनीति
में कुछ तो वाचालता की हद पार कर जाते और कुछ अहम मौके पर भी मौन रहकर रोंगटे
खड़े कर देते है .
प्रलय की भविष्य वाणी 21-12-12 तारीख ने जन -जन के मन को भयभीत कर दिया था
बिना सर पैर की भविष्यवाणीयां चाहे जब ...होती रहती ..है जो .. रोंगटे खड़े करने
में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है .और न्यूज़ .चेनल और सनसनी फैला देते है और तथाकथित
भविष्य वक्ता आग में घी का काम करते है I
सिलेंडर
की संख्या सरकार ने क्या कम करने की घोषणा की ,
सुनते ही हर
गृहणी के रोगटेमुश्किल होता है फिर भी हर किसी के मुहं से निकल जाता उफ़ .कितनी कड़ाके
की ठण्ड है की रोंगटे खड़े हो रहे है।
दो बच्चियां स्कूल में प्रवेश करते हुए आपस में चर्चा कर रही थी की ठण्ड का मौसम
कितना बेकार होता है की स्कूल जाने का मन ही नही होता कितनी ठण्ड लगती है ...
की रोंगटे खड़े कर देती है ...पापा मम्मी और टीचर को समझ में ही नही आती कितनी
तकलीफ होती है तभी .मेरे जेहन में ..कई विचारो ..का जन्म हुआ बेचारे बच्चों के तो
रोंगटे केवल ठण्ड से ही खड़े होते .है .लेकिन .पापा मम्मी और टीचर के तो ठण्ड के अलावा
और भी कारणों से रोंगटे खड़े हो जाते है ...बेचारे बच्चे क्या जाने वे .कितने मासूम और
कोमल होते है
अभी हाल में दिल्ली रेप कांड की वीभत्स घटना को सुनकर ..सबके रोंगटे खड़े
हो गये और पूरे देश को दहला दिया . हर महिला -पुरुष छात्र छात्राओ के रोम -रोम को झकझोर
दिया फिर भी सरकार के कान पर जूं तक नही रेंगी यह देश की भोली जनता का द्दुर्भाग्य है
और हमारे वोट का सरेआम अपमान है
.
गुजरात चुनाव में मोदी की जीत से जहाँ तमाम विरोधी ,खुद की पार्टी के हो या दूसरे
छोटे मोटे दल के नेता हो उनके रोंगटे खड़े होगये ..अब हमारा क्या होगा उनके मन में
यह द्वन्द निरंतर प्रवाहित होता रहेगा जब तक ...चुनाव न हो जाये।देश की राजनीति
में कुछ तो वाचालता की हद पार कर जाते और कुछ अहम मौके पर भी मौन रहकर रोंगटे
खड़े कर देते है .
प्रलय की भविष्य वाणी 21-12-12 तारीख ने जन -जन के मन को भयभीत कर दिया था
बिना सर पैर की भविष्यवाणीयां चाहे जब ...होती रहती ..है जो .. रोंगटे खड़े करने
में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है .और न्यूज़ .चेनल और सनसनी फैला देते है और तथाकथित
भविष्य वक्ता आग में घी का काम करते है I
खड़े होगये और अपने पति को चिड़ा कर जरुर कहा होगा की गजब है बाहर खाने के और मौके मिलेगे ,
वहीं दूसरा वर्ग है जो घरेलू सिलेंडर का दुरूपयोग बड़े आराम से करता है उनको भी
जोर का झटका धीरे से लगा और रोंगटे खड़े होगये अब क्या होगा शान की सवारी का I
आये दिन बढ़ते पेट्रोल के मूल्य और अन्य चीजो के दाम सुनकर रोंगटे खड़े होजाते और .वहीपत्नी
भी कम कसर नही छोडती ..और अपना मांग पत्र .देकर पति के रोगटे खड़े कर देती .है I
देश में मौसम सर्द हो या कैसा भी हो बेचारे आम आदमी .के रोंगटे खड़े होने का क्रम निरंतर जरी रहता है
हमारे देश के तथाकथित कर्णधार जो वातानूकूलित का उपयोग कर है वे क्या जाने ....इसकी अनुभूति
क्यों की उनकी सवेदना .को कब की मर चुकी है आमा आदमी के दर्द से क्या वास्ता जिसने महसूस किया .
वोही समझ सकता है ....वे तो केवल घडियाली आंसू बहाना जानते है जिससे देश गर्त और गर्त में जा रहा है .
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें