दायित्व,कर्त्तव्य और अधिकार के प्रति रहो हमेशा सजग....
[इसको व्यक्त करने का माध्यम मेरे लिए ---शूलिका(किसी बात को कम शब्दों मे कहना और उससे मन मे चुभन का अहसास हो) एवं व्यंग्य]
रविवार, 15 सितंबर 2013
सम्बोधन
सम्बोधन [मुक्तक] स्वार्थ की नियत से बदल जाते सम्बोधन रोज -रोज गिरते राजनीति में सम्बोधन समझना कठिन रोज बदलती मानसिकता संस्कृति के लिए घातक घटिया सम्बोधन --------संजय जोशी "सजग "---------------
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