दायित्व,कर्त्तव्य और अधिकार के प्रति रहो हमेशा सजग....
[इसको व्यक्त करने का माध्यम मेरे लिए ---शूलिका(किसी बात को कम शब्दों मे कहना और उससे मन मे चुभन का अहसास हो) एवं व्यंग्य]
गुरुवार, 2 अक्तूबर 2014
बहस रावण दहन पर [व्यंग्य ]
बहस रावण दहन पर [व्यंग्य ]---हैदराबाद से प्रकाशित डेली हिंदी मिलाप में प्रकाशित मेरा व्यंग्य [02/10/14]
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