=====मुर्ख दिवस ---अप्रैल फूल ====
हल्ला-गुल्ला साहित्य मंच रतलाम - हर वर्ष मूर्ख दिवस के उपलक्ष्य में खांपा [मूर्ख ] सम्मेलन का आयोजन करता है इसकी तिथि फिक्स नहीं रखना भी खांपा पन की निशानी है l मूर्ख को मालवी बोली में --खांपा ,टेपा ,रांपा , और गक्खड़ के नाम से जाना जाता है l खांपा मालवी बोली का शब्द है जिसका अर्थ -जड़ ,बुद्धि ,निरा ठेठ ,बिना किसी काम का , ना समझ आदि l मंच के संस्थापक -संजय जोशी "सजग" और संयोजक -अलक्षेंद्र व्यास [गीतकार ] है इस मंच की स्थापना -१ अप्रैल २००५ में की गई थी l जब से खांपा [मूर्ख ] सम्मेलन का आयोजन निरंतर जारी है l
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