शुक्रवार, 18 अक्तूबर 2013

      नीलामी शब्द बचपन से हमारे जेहन में ठूसा हुआ है  किसी की पेंटिग ,महापुरुष की दुर्लभ वस्तु  और सब्जी मण्डी में सब्जी की रोडवेज की खटारा बस की नीलामी और सरकार द्वरा राजसात की सम्पति नीलम होती है दिलो दिमाग में  यही छाप पड़ी है की यह  शब्द निम्न कोटि का हैहमारे मोहल्ले में एक पहलवान रहते थे उनके कई पठ्ठे थे वह हमेशा कहा करते  थे सब कुछ करना पर इज्जत नीलाम मत रन बस यही समझ में करन बस यही समझ में आता था की आपने आप को बेचना  या नीलाम करना याने आपना सब  वजूद खो देना होता है I

मुझे जब बड़ा आश्चर्य होता है की धार्मिक आयोजन में भी नीलामी  का अपना महत्वपूर्ण स्थान है जो जितनी अधिक बोली  लगाता उसे भगवान की सेवा मिलती और श्रद्धा का हनन होता है भगवानका दरबार भी इससे अछुता नही है तो हमारे देश में  क्रिकेट खेल इससे अछुता केसे रह सकता  है और नीलामी का दोर चल पड़ा

क्रिकेट खिलाडियों करोड़ों  में नीलाम होने  का प्रयोजन  होता रहता है  इसमे देशी और विदेशी  दोनों ही है जो जितने में अधिक बिक रहा है वह उतना महान है रुपयों की लिए बिकने वाले  ये खिलाडी क्या देश कि लिये  अपने को और अपने खेल को .समर्पित कर पायगे इसमे हर किसी को  संदेह नजर आता है I कभी - कभी सोचना मुश्किल ही नही ना मुमकिन लगता है की धन के लिए खलेने वाले ये खिलाडी अपने देश के लिए न्याय  कर पायगे अपार धन की भूख ने क्रिकेट को किस मुकाम पर खड़ा कर दिया की २० -२० ही भाता है टेस्ट और  एक दिवसीय .मेच में तू चल में आया की तर्ज पर  लगातार विकेट  गिरना ओर मेच को हार की कगार पर ले जाते है ओर  देश की भोली -भाली जनता गम के साये में हो जाती है Iदेश के खिलाडी धन की पिपासा में ....नीलामी को सलामी करते रहेगे ओर क्रिकेट  की हालत बद -से बदतर होती जायगी  I देश की इज्जत नीलाम को  करने मेंकोंई कसर नही छोड़ेगे I देश के मेचो में मिलती असफलता को  बुद्धि जीवी  हमेशा यह कह कर आसनी से पचा लेते है .की खेलो में हार जित तो चलती रहती है  कोई एक तो  हारेगा पर यह हार का सिलसिला यु ही चलता रहेगा जब  तक खिलाडी नीलाम  होते रहेगे I

                          


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