_____________गन्जिका_____
धर्म स्थल से भी ज्यादा भीड़ पाते
जात पात का भेद नही वहाँ पाते
हर लब पर रहता बाटल या प्याला
जीवन में छाया रहता बादल काला
जो -जो जाते निकलता है दिवाला
परिवार का छिनते वे है निवाला
पडे रहते पीकर जीजा संग साला
जाते मजदूर और अफसर आला
हर शहर ,चौराहे पर सजी गन्जिका
पीने के बाद बदल जाता है सलीका
----------संजय जोशी "सजग "------
धर्म स्थल से भी ज्यादा भीड़ पाते
जात पात का भेद नही वहाँ पाते
हर लब पर रहता बाटल या प्याला
जीवन में छाया रहता बादल काला
जो -जो जाते निकलता है दिवाला
परिवार का छिनते वे है निवाला
पडे रहते पीकर जीजा संग साला
जाते मजदूर और अफसर आला
हर शहर ,चौराहे पर सजी गन्जिका
पीने के बाद बदल जाता है सलीका
----------संजय जोशी "सजग "------
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