दायित्व,कर्त्तव्य और अधिकार के प्रति रहो हमेशा सजग....
[इसको व्यक्त करने का माध्यम मेरे लिए ---शूलिका(किसी बात को कम शब्दों मे कहना और उससे मन मे चुभन का अहसास हो) एवं व्यंग्य]
सोमवार, 8 सितंबर 2014
फू और थू की संस्कृति
"""
फू और थू की संस्कृति """[व्यंग्य ]कल्पतरु
एक्सप्रेस --में प्रकाशित दिनाक 09 /09/14 [उत्तर प्रदेश केप्रमुख शहरों
----मथुरा ,लखनऊ ,कानपुर ,आगरा से प्रकाशित दैनिक] —
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें