दायित्व,कर्त्तव्य और अधिकार के प्रति रहो हमेशा सजग....
[इसको व्यक्त करने का माध्यम मेरे लिए ---शूलिका(किसी बात को कम शब्दों मे कहना और उससे मन मे चुभन का अहसास हो) एवं व्यंग्य]
मंगलवार, 16 सितंबर 2014
श्राद्ध बनाम श्रद्धा [व्यंग्य ]
हैदराबाद से प्रकाशित डेली हिंदी मिलाप में प्रकाशित मेरा व्यंग्य [15/09/14]
ई-श्राद शुरु किये जा सकते हैं :)
जवाब देंहटाएंसुंदर व्यंग ।
shukriya sir ji
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