दायित्व,कर्त्तव्य और अधिकार के प्रति रहो हमेशा सजग....
[इसको व्यक्त करने का माध्यम मेरे लिए ---शूलिका(किसी बात को कम शब्दों मे कहना और उससे मन मे चुभन का अहसास हो) एवं व्यंग्य]
सोमवार, 11 अगस्त 2014
"विश्वगाथा" के जून-जुलाई-अगस्त- 2014 के अंक में मेरा व्यंग्य "चुगली की गुगली "प्रकाशितl
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