दायित्व,कर्त्तव्य और अधिकार के प्रति रहो हमेशा सजग....
[इसको व्यक्त करने का माध्यम मेरे लिए ---शूलिका(किसी बात को कम शब्दों मे कहना और उससे मन मे चुभन का अहसास हो) एवं व्यंग्य]
मंगलवार, 12 नवंबर 2013
सजग-शूलिका
सजग-शूलिका
इतिहास
भूगोल के
बदलने की
बहुत हो
चुकी बहस
वर्तमान और
भविष्य की
बात करो
उसे न करो
तहस -नहस
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